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भोपाल की महिला सरकारी नौकरी छोड़ कर बनी केक बेकर,’ अब तक 1000 से ज्यादा लोगो को दी ट्रेनिंग, अब लाखों में हो रही कमाई

देश में आज भी कई लोग ऐसे होते है, जो सरकारी नौकरी पाने के लिए जीवनभर मेहनत करते हैं, लेकिन फिर भी वें सरकारी नौकरी कभी नहीं कर पाते हैं। वहीं दूसरी ओर कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो खुद का बिजनेस या स्टार्टअप शुरू करने के लिए अपनी सरकारी नौकरी तक को छोड़ देते हैं। कुछ ऐसी ही कहानी है, भोपाल की रहने वाली मनीषा यादव की। जिन्होंने अपनी सरकारी नौकरी छोड़ कर पहले केक बेकर बनने का सोचा। केक बेकर बनने के बाद उन्होंने खुद का ट्रेनिंग सेंटर खोला और अब रोजाना कई युवाओं को केक बनाने की ट्रेनिंग दे रही हैं साथ ही हर महीने लाखों रुपये भी कमा रही है।

सिंगरौली में जन्मी
भोपाल की रहने वाली मनीषा यादव का जन्म सिंगरौली जिले में हुआ था। उन्होंने पहले अपनी स्कूल की पढ़ाई सिंगरौली से ही पूरी की और फिर भोपाल के बरकतुल्लाह यूनिवर्सिटी से बायोटेक्नोलाॅजी में डिग्री हासिल की। इसके कुछ समय बाद कृषि विभाग में उनकी सरकारी नौकरी लग गई।

चाॅकलेट के पोस्टर ने बदली जिंदगी
मनीषा कहती है कि उनकी नौकरी और उनका जीवन अच्छा चल रहा था। लेकिन तभी अचानक एक दिन उनके घर पर चाॅकलेट बनाने की एक प्रतियोगिता का पोस्टर घर पर आया। जिसके बाद वें उस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने पहुंची। जहां से उन्हें उनके जीवन में कुछ अलग करने का एक आईडिया मिल गया।

बड़े शहरों से ली ट्रेनिंग
मनीषा बताती है कि उसके बाद उन्होेंने केक और चाॅकलेट बनाने की ट्रेनिंग लेना शुरू की। वें मुंबई – पुणे जैसी कई बड़े शहरों में देश के बड़े बड़े पेस्ट्री शेफों और केक बेकर से केक बनाने की ट्रेनिंग लेने गई। इस दौरान उन्हें कई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा। मनीषा ने बड़ी ही कठिनाइयों से अपनी नौकरी और ट्रेनिंग को मैनेज किया। लेकिन तमाम चुनौतियों और कठिनाइयों के बाबजूद मनीषा ने हार नहीं मानी और केक बेकर बनने के लिए लगातार मेहनत करती है।

भोपाल में शुरू की बेकरीUTM Delight
काफी ट्रेनिंग और मेहनत के बाद मनीषा बेकर बन गई। जिसके बाद उन्होंने सबसे पहले अपने शहर भोपाल में केक और अन्य पेस्ट्री के समान का ऑर्डर लेना शुरू किया। मनीषा अपनी बेकरी को लेकर कहती है कि शुरुआत में तो ज्यादा ऑर्डर नहीं मिले। लेकिन जैसे जैसे लोगों को उनके केक और केक के यूनिक डिजाइन के बारे में पता चलता गया। वैसे वैसे उनके पास ऑर्डर की संख्या बढ़ती गई। और जैसे ही उनका केक का बिजनेस जमा, तभी उसी दौरान मनीषा ने अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी और अपना पूरा ध्यान और समय अपनी बेकरी पर लगाना शुरू कर दिया। जिसका फल उन्हें मिला भी और उन्होंने जल्द ही भोपाल में खुद की एक केक बेकरी शुरू कर ली।

परिवार ने दिया हमेशा साथ
मनीषा अपने परिवार के बारे में बताते हुए कहती है कि उनके परिवार ने हमेशा उनका साथ दिया। चाहे फिर वों ट्रेनिंग के दौरान हो या फिर नौकरी के दौरान उनका परिवार हमेशा उनके साथ खड़ा रहा। मनीषा ने जब अपनी सरकारी नौकरी छोड़ने का फैसला लिया था, तब भी उनके परिवार ने उनके फैसले का समर्थन किया और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।

बिजनेस के बाद शुरू किया खुद का ट्रेनिंग सेंटर
मनीषा ने अपना केक का बिजनेस शुरू करने के बाद उन्होंने सीखने और सीखाने की तर्ज पर खुद का बेकिंग क्लास ट्रेनिंग सेंटर शुरू किया। अपने ट्रेनिंग सेंटर के माध्यम से वें युवाओं को केक बनाना सीखाती है। उन्होंने अपने ट्रेनिंग सेंटर में युवाओं को सीखाने के लिए स्टूडियो की व्यवस्था भी कर रखी है। मनीषा के ट्रेनिंग सेंटर बेकिंग क्लास को भारत सरकार से भी मान्यता प्राप्त है।

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कई बड़े शहरों से सीखने आते हैं युवा
मनीषा से ट्रेनिंग के लिए पुणे, होशंगाबाद भोपाल इंदौर जैसे कई शहरों से कई युवा पहुंचते हैं। मनीषा अपने ट्रेनिंग सेंटर में युवाओं को सर्टिफिकेट कोर्स, पार्ट टाइम कोर्स सहित कई कोर्स कराती है। वें एक क्लास में एक समय में केवल दो ही बच्चों को केक और अन्य पेस्ट्री बनाने की ट्रेनिंग देती है। ताकि सभी बच्चे और युवा अच्छे और सही ढंग से केक बनाना सीख सके। अब तक अपने ट्रेनिंग सेंटर में 1 हज़ार से ज्यादा लोग को केक बनाना सीखा चुकी है।इसके अलावा मनीषा यूट्यूब पर भी खुद का एक चैनल चलाती है , जिसके माध्यम से वे कई लोगों को केक बनाने की ट्रेनिंग देती है।

मनीषा अंत में कहते हैं कि हमें कभी हार नहीं मनाना चाहिए चाहे कैसी भी परिस्थिति हो। हमेशा हमें अपने लक्ष्य के प्रति अपना ध्यान रखना चाहिए। यदि हम अपने लक्ष्य प्रति हमेशा लगे रहेगें तो हम एक दिन सफलता जरूर हासिल कर लेगें।

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Satendra Singh Lohiya

Journalist - The Good News
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