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जानिए भारत के देशी ट्विटर के बारे में, किसने और कैसे किया इसे शुरू

इन दिनों पूरे देश में आत्मनिर्भर भारत अभियान पर खासा जोर दिया जा रहा है। देश में अधिकांश ऐसी चीजों पर जोर दिया जा रहा है जो देश में बनी हो और ऐसा सिर्फ किसी वस्तु या किसी और चीज को लेकर नहीं किया जा रहा है बल्कि सोशल मीडिया एप्स को किया जा रहा है। ताकि देश के लोग ज्यादा से उन ऐप्स का इस्तेमाल करें जो स्वदेशी हो। इसी क्रम में कुछ दिनों पहले भारत में अपना खुद सोशल मीडिया एप कू लांच किया था। जो दुनिया के ट्विटर को टक्कर देने के लिए बनाया गया है। यह एप ट्विटर की तरह ही काम करता है। आज हम इस लेख में इस एप के बारे में जानेंगे साथ ही इस एप को मार्केट में लाने के पीछे के कारण को भी जानेंगे।

इनोवेशन चैलेंज जीतकर शुरू किया कू

कू की शुरुआत अप्रमेय राधाकृष्ण और मयंक बिदावत ने की थी। उन्होंने अगस्त 2020 में भारत सरकार द्वारा आयोजित आत्मनिर्भर एप इनोवेशन चैलेंज को भी जीता था। ताकि उपयोगकर्ताओं को अपनी बात कहने और भारतीय भाषाओं के मंच के साथ जुड़ने का अवसर मिल सके। यह हिंदी, तेलुगु और बंगाली सहित कई भाषाओं में उपलब्ध है। कू ऐप इंफोसिस के पूर्व कार्यकारी टीवी मोहनदास पई द्वारा समर्थित एप है।

ट्विटर जैसे है फीचर

वही अगर इस एप के फीचर के बारे में बात करें तो वह ट्विटर से काफी मिलता जुलता है। इसमें चीजों को पोस्ट तो किया ही जा सकता है, साथ ही तस्वीरों और वीडियो को अटैच भी किया जा सकता है। इसके अलावा आप दूसरे के पोस्ट पर कमेंट करने के साथ उसे फॉलो भी कर सकते हैं। इसमें आपको ऑडियो, वीडियो और टेक्स्ट तीनों का ऑप्शन मिलता है। कू के लोगो में ट्विटर के नीले पक्षी के विपरीत एक पीला पक्षी है।

देश में ट्विटर का वर्चस्व कम करना है मुख्य मकसद

इस एप को लाने के पीछे का मुख्य कारण देश में ट्विटर का वर्चस्व कम करना है। पिछले कई सालों से देश में ट्विटर और सरकार के बीच लगातार तकरार हो रही है। साथ ही ट्विटर एप के इस्तेमाल के दौरान भी लोगों को कुछ तकलीफों का सामना करना पड़ता है। जिसके कारण देश में कू को लांच किया गया। साथ ही कू में ट्विटर जैसे सभी फीचर्स भी लाए गए हैं।

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