राजस्थान के 17 साल के युवक ने खड़ी की खुद की कंपनी, आज सैकड़ों कर्मचारी काम रह युवक की कंपनी में
देश और दुनिया में कुछ बच्चे छोटी उम्र में इतने बड़े काम कर जाते हैं। जिन्हें दुनियाभर में कई लोग अपनी पूरी उम्र में भी नहीं कर पाते हैं। कुछ ऐसा ही कम उम्र में बड़ा कमाल करके दिखाया है, राजस्थान के आदित्य ने। जिन्होंने महज 17 साल की उम्र में अपनी खुद की कंपनी खड़ी कर दी है। जिसमें सैकड़ों कर्मचारी काम कर रहे हैं।
पढ़ाई करने के साथ-साथ चला रहे कंपनी
राजस्थान के इस युवक का नाम आदित्य बांगर है। उनकी उम्र महज अभी 17 साल की है। वे पढ़ाई करने के साथ-साथ अपनी कंपनी भी चलाते हैं। उनकी कंपनी में प्लास्टिक कचरे को रिसाइकिल करके उसे फैब्रिक फाइबर में तब्दील किया जाता है। उनकी कंपनी का नाम ‘ट्रैश टू ट्रेजर’ है। वह एक मोटी कमाई भी अर्जित करते हैं।
चीन की यात्रा पर आया आईडिया
आदित्य ने अपनी कंपनी की शुरुआत पिछले साल जनवरी में की थी। उन्होंने कंपनी को लेकर एक इंटरव्यू में कहा था कि साल 2019 में वें चीन में टेक्सटाइल मेले में हिस्सा लेने गए थे। वहीं पर उन्होंने प्लास्टिक कचरे को रिसाइकिल होने की टेक्नोलॉजी के बारे में देखा। उसकी जानकारी जुटाई। यहीं से उनके मन में इस काम को करने का आइडिया आया। आदित्य बताते हैं कि तब भारत में इस तरह की तकनीक का इस्तेमाल बहुत ही कम होता था। ऐसे में उन्होंने इस काम की शुरुआत की।
परिवार से मिला समर्थन
आदित्य ने काम शुरू करने के लिए जब अपने परिवार से इस बारे में चर्चा की तो उन्हें पूरा समर्थन मिला। आदित्य ने अपने अंकल से प्लास्टिक को रिसाइकिल करके फैब्रिक फाइबर की टेक्नोलॉजी के बारे में चर्चा की। तब उन्होंने उनका पूरा साथ दिया। आपको बता दें कि आदित्य का परिवार पहले से टेक्सटाइल का बिजनेस करते थे। उसी कंपनी के जरिये आदित्य ने अपनी कंपनी की शुरुआत की। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उनकी कंपनी में अब तक करीब 10 हजार किलो से अधिक प्लास्टिक कचरे को फैब्रिक फाइबर में बदला जा चुका है।
अब सैकड़ों कर्मचारी कर रहे कंपनी में काम
आदित्य की कंपनी जिस फैब्रिक फाइबर का निर्माण करती है। उसे उनकी पारिवारिक कंपनी में ही कपड़े बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। आज आदित्य की कंपनी में सैकड़ों कर्मचारी काम करते हैं। आदित्य जैसे होनहार युवा दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। जो देश और दुनिया के युवाओं को कम उम्र में कुछ अच्छा और अलग हटके अलग करने की प्रेरणा देते हैं।