भोपाल के इस आर्टिस्ट ने शौक के तौर पर शुरू की डिजिटल पेटिंग, हाॅलीवुड की कई बड़ी फिल्मों के लिए किया काम
कहते हैं आर्टिस्ट एक ऐसा शख्स होता है, जो हर किसी की जिंदगी में अपने हुनर से नए नए रंग भर देता हैं और कुछ लोग इसी हुनर को अपना करियर बना लेते हैं। कुछ ऐसी ही कहानी है, भोपाल के रहने वाले पलाश जैन की। जिन्होंने पेटिंग की शुरुआत एक शौक के तौर पर की थी। लेकिन अब इसे अपना करियर बना लिया है। पलाश आज भोपाल में अपने खुद का एक पेटिंग स्टार्टअप चलाते हैं और भोपाल के कई स्थानों पर डिजिटल पेटिंग और आर्ट बनाते हैं।
बचपन में उठा पिता का साया
पलाश का जन्म मध्य प्रदेश के इटारसी जिले में हुआ था। पलाश जब छोटे थे, तभी उनके ऊपर उनके पिता का साया उठ गया। पलाश के पिता के जाने के बाद उन्हें और उनके परिवार को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। यही कारण रहा कि पलाश की स्कूली शिक्षा किसी एक जिले के एक स्कूल से पूरे न होने की वजह कई जिलों के कई स्कूलों से पूरी हुई। स्कूली शिक्षा पूरी होने के बाद पलाश ने जबलपुर से बी काॅम में अपनी स्नातक डिग्री पूरी की और पेटिंग में करियर बनाने की शुरुआत की।
शौक के तौर पर शुरुआत की पेंटिंग की
पलाश ने पेटिंग की शुरुआत एक शौक के तौर पर की थी। लेकिन धीरे-धीरे उन्हें यह कला काफी पसंद आने लगी। यही कारण रहा कि उन्होंने पेटिंग को ही अपना करियर बनाने का सोचा। जिसके बाद उन्होंने कई पेटिंग के गुण सीखे और अपने पेटिंग के हुनर को और निखारा। पलाश ने अपने गुरु से पेंटिग सीखी और इसके कुछ समय बाद उन्होंने असम और चित्तौड़गढ़ जैसी जगहों पर जाकर इतिहास के बारे में और करीब से जाना। इस दौरान उन्होंने पेटिंग के कई नए प्रकारों के बारे में जाना और पेटिंग के नए फॉर्मेट डिजिटल पेटिंग को सीखा। जिसमें आगे जाकर उन्होेंने महारथ हासिल की।
डिजिटल पेटिंग क्या है
डिजिटल पेंटिंग कला का वो नया रूप है, जिसमें किसी चित्र को तैयार करने के लिए डिजिटल डिवाइस जैसे कंप्यूटर और टेबलेट जैसी चीजों का प्रयोग किया जाता है| डिजिटल पेंटिंग बनाने के लिए डिजिटल डिवाइस के अलावा एक सॉफ्टवेर की भी ज़रुरत होती है जिसमे कई तरह के डिजाईन, टेम्पलेट, पेंट प्रेशर का विकल्प दिया जाता है| इन सभी की मदद से जो भी पेंटिंग बनाई जाती है वो बिल्कुल ट्रेडिशन पेंटिंग की तरह दिखती है|
हाॅलीवुड की फिल्मों के लिए किया फ्रीलांस वीएफएक्स का काम
पलाश को डिजिटल पेंटर के रूप में काम करते हुए लगभग 6-7 साल हो चुके हैं। पलाश ने भोपाल के कई कैफ रेस्तरां में डिजिटल पेटिंग की। इसके अलावा भोपाल की कई दीवारों पर भी बड़ी ही शानदार पेटिंग की है। जो आम लोगों को एक अलग ही संदेश देती है। पलाश भोपाल एमपी के अलावा फिल्म इंडस्ट्री हाॅलीवुड में काम कर चुके हैं। पलाश ने हाॅलीवुड की कई ब्लाॅकमास्टर फिल्म सीरीज के लिए बीएसएक्स का काम किया है। इसके अलावा उन्होंने हाॅलीवुड की प्रसिद्ध फिल्म निर्माता समूह के लिए एक वीएफएक्स के तौर पर काम किया है। यहीं कारण है कि उन्हें अन्य डिजिटल पेंटिग आर्टिस्ट की तुलना में अच्छा बनाती है।
डिजिटल पेटिंग में करना पड़ता है तमाम चुनौतियों का सामना
पलाश बताते हैं कि डिजिटल पेटिंग जितनी आसान लगती है उतनी यह कठिन है। डिजिटल पेटिंग में भी एक आर्टिस्ट को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। पलाश कहते हैं कि जब कोई क्लाइंट हमें पेंटिग बनाने का काम सौंपाता है। तो पहले हम क्लाइंट की मांग को समझाना पड़ता है और उस मांग को उनके अनुसार पेटिंग में ढाल कर उसे बनाकर क्लाइंट को सौंपना होता है। साथ ही हमें क्लाइंट की कल्पना को समझकर हमें उस कल्पना को डिजिटल पेटिंग में उखरेना होता है। इस दौरान हमें सबसे ज्यादा रंगों का ध्यान रखना होता है कि कौन-सा रंग भरने पर कैसा लगेगा। यह काम एक आर्टिस्ट के लिए सबसे मुश्किल और सबसे रोचक होता है।
पलाश फिलहाल भोपाल में पेशकश आर्ट एंड डिजाइन स्टूडियो नाम से एक स्टार्टअप भी चलाते हैं। जिसके माध्यम से वें शहर के कई कैफ रेस्तरां और कई अन्यों के लिए डिजिटल पेटिंग, म्युरल पेंटिंग, आर्ट का काम करते हैं। साथ ही वें अपनी डिजिटल पेटिंग से हर साल लाखों रूपये भी कमाते हैं।