प्रेरणादायक कहानियां

जो काम रोहित विराट नहीं कर सके वो काम किया इस दृष्टिहीन खिलाड़ी ने, भारत को 3 बार बनाया क्रिकेट में विश्व चैम्पियन

कुछ लोग होते हैं जो समय को बदलने का इंतज़ार करते हैं तो वही कुछ लोग होते हैं जो समय को खुद बदल देते हैं कुछ ऐसा ही वक्त बदलने का काम किया भारतीय दृष्टिहीन क्रिकेट टीम के कप्तान अजय कुमार रेड्डी ने। जिन्होंने वक्त के बदलने का इंतज़ार नहीं किया बल्कि खुद ने वक्त को बदल दिया और आज वहां मुकाम हासिल कर लिया। जिसके बारे में कभी किसी ने सोचा भी नहीं था। आईये जानते है अजय कुमार रेड्डी के बारें में।

दुघर्टना में गंवाई आंखो की रोशनी

अजय कुमार रेड्डी भारतीय ब्लांइड क्रिकेट टीम के कप्तान है। इनका जन्म 3 जून 1990 को आंध्र प्रदेश के गांटुर जिले में हुआ था। अजय जब छोटे बच्चे थे। तब वें एक दुखद दुर्घटना के शिकार हो गए थे। उस दुघर्टना में उन्होंने अपनी एक आंख की रोशनी खो दी थी। जिसके कारण उन्हें उनकी बायी आंख से कुछ भी दिखना बंद हो गया है। उनकी इस समस्या के कारण उनके जीवन में कई समस्याओं का सिलसिला शुरू हो गया।

नेत्रहीन स्कूल में लेना पड़ा दाखिला

इस दुघर्टना के बाद उन्हें अपने पुराने स्कूल को छोड़ना पड़ा। उन्हें डाॅक्टर ने एक नेत्रहीन स्कूल में दाखिला लेने की सलाह दी। इसके बाद उन्होंने लूथरन हाई स्कूल फाॅर द ब्लांइड में दाखिला लिया और अपनी पढ़ाई आगे की पढ़ाई शुरू की। उन्हें क्रिकेट खेलना का शौक पहले से ही था। उन्होंने दुघर्टना के बाद भी इसे जारी रखा।

रात रात भर खेला करते थे क्रिकेट

अजय अपने रात रात भर फ्लड लाईट क्रिकेट खेला करते थे। उन्होंने अपने पिता से जिद करके अपने लिए एक अच्छा बैट मंगाया। अजय के लिए उस क्रिकेट में करियर बनाना आसान नहीं था। क्योंकि एक आम व्यक्ति नहीं थे। लेकिन उन्होेंने मेहनत जारी रखी और क्रिकेट खेलते रहे।

पूर्व नेत्रहीन क्रिकेटर ने की मदद

स्कूल के समय ही उनके एक पहचान के पूर्व नेत्रहीन क्रिकेटर ने उन्हें नेत्रहीन क्रिकेट के बारे में बताया और उनसे कहा कि कुछ समय बाद जिले में ट्रायल होने वाले है तो आप जरूर जाए। उन्होंने वहां जाकर ट्रायल दिया और वें ट्रायल में सफल भी हो गए। इसके बाद अजय ने पीछे मुडकर नहीं देखा।

पहले ही मैच में मिला प्लेयर ऑफ द मैच

साल 2010 में उन्हें पहली बार भारतीय नेत्रहीन क्रिकेट टीम में चुना गया। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ भारतीय के पदार्पण किया। उन्होंने अपने पहले ही मैच में दमदार प्रदर्शन से पहले मैच में ही मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार जीता। उसके बाद उन्होंने भारतीय टीम को कई मैच जिताने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।

भारतीय टीम को 3 बार विश्व चैम्पियन

भारतीय नेत्रहीन क्रिकेट टीम को वें 3 बार विश्व चैम्पियन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। इसके अलावा हाल ही में उन्होंने अपनी कप्तानी में बांग्लादेश को हराकर लगातार तीसरी बार चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता। अजय को पीएम मोदी के हाथों भी सम्मान मिल चुका है।

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