नई दिल्ली।
भारत की रिटेल इंडस्ट्री में एक बड़ा कदम उठाने जा रही है मोर रिटेल लिमिटेड (MRL)। समारा कैपिटल और अमेजन जैसे दिग्गज निवेशकों द्वारा समर्थित यह कंपनी अगले 12 से 18 महीनों के भीतर अपना आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) लाने की तैयारी कर रही है। इस IPO के माध्यम से कंपनी करीब 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 2,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रख रही है।
कंपनी का विज़न और रणनीति
सूत्रों के अनुसार, मोर रिटेल का लक्ष्य आने वाले वित्तीय वर्ष 2026 तक EBITDA (ब्याज, टैक्स, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की आय) के स्तर पर लाभ में आना है। यही नहीं, कंपनी इस समय अपनी बैलेंस शीट को और मजबूत करने, विस्तार योजनाओं और टेक्नोलॉजी में निवेश को लेकर स्पष्ट रणनीति पर काम कर रही है।
रिटेल सेक्टर में मजबूत पकड़
मोर रिटेल भारत के ग्रोसरी और डेली नीड्स सेगमेंट में एक जाना-पहचाना नाम बन चुका है। देशभर में इसके 700 से ज्यादा स्टोर्स हैं, जो छोटे शहरों से लेकर मेट्रो तक फैले हुए हैं। कंपनी का फोकस हाई-क्वालिटी कस्टमर एक्सपीरियंस और लो-मार्जिन प्रोडक्ट्स पर रहा है, जिससे ग्राहक वर्ग में इसका विश्वास और ब्रांड वैल्यू मजबूत हुई है।
अमेजन और समारा कैपिटल की भागीदारी
गौरतलब है कि वर्ष 2019 में अमेजन और समारा कैपिटल ने मिलकर मोर रिटेल का अधिग्रहण किया था। इसके बाद से कंपनी ने टेक्नोलॉजी, लॉजिस्टिक्स और डिजिटल पेमेंट्स जैसे सेक्टर में तेजी से सुधार किए हैं। अब IPO लाने की योजना से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि कंपनी भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों का विश्वास जीतने और अपने ग्रोथ रोडमैप को गति देने के लिए तैयार है।
IPO का असर और एक्सपर्ट्स की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि मोर रिटेल का IPO रिटेल और FMCG सेक्टर में निवेश का एक सुनहरा अवसर हो सकता है। भारत में बढ़ती मिडल क्लास, बढ़ती खपत और ऑनलाइन+ऑफलाइन मॉडल की लोकप्रियता इस सेक्टर को तेजी से आगे ले जा रही है। मोर रिटेल की रणनीति और अमेजन का टेक सपोर्ट इसे अन्य प्लेयर्स से अलग बनाता है।
निष्कर्ष
मोर रिटेल का IPO न सिर्फ कंपनी के लिए एक माइलस्टोन साबित होगा, बल्कि यह भारतीय रिटेल इंडस्ट्री में एक नई ऊर्जा का संचार भी करेगा। अगर सब कुछ योजना के अनुसार चलता है, तो अगले कुछ महीनों में निवेशकों को एक और हाई-वैल्यू IPO देखने को मिल सकता है।