मानसून 2025: कुछ राज्यों में कहर बरपाएगी बारिश, तो कहीं पड़ेगा सूखा — IMD ने जारी किया बड़ा अलर्ट!

The Good News

May 14, 2025

मानसून 2025

इस बार कैसा रहेगा मानसून? पढ़‍िए पूरा हाल

देश भर में गर्मी ने जहां लोगों को बेहाल कर रखा है, वहीं अब सबकी निगाहें टिकी हैं आने वाले मानसून 2025 पर। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने हाल ही में मानसून को लेकर एक ताज़ा पूर्वानुमान जारी किया है, जो किसानों, शहरी नागरिकों और प्रशासन—सभी के लिए बेहद अहम है।

मौसम विभाग का कहना है कि इस साल मानसून “सामान्य से थोड़ा कम” रह सकता है, लेकिन कुछ खास इलाकों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। आइए जानते हैं कि कौन से राज्य रहेंगे सावधान और किन्हें मिलेगा बारिश का इंतज़ार।

कब देगा मानसून 2025 भारत में दस्तक?

IMD के मुताबिक, केरल में मानसून की शुरुआत 3 जून 2025 के आसपास हो सकती है। सामान्यत: मानसून हर साल 1 जून के आसपास दस्तक देता है, लेकिन इस साल इसकी एंट्री कुछ दिन देर से होने के संकेत मिल रहे हैं।

इसके बाद धीरे-धीरे मानसून महाराष्ट्र, मध्य भारत, उत्तर भारत और पूर्वोत्तर राज्यों में फैलेगा। उत्तर भारत में मानसून के 20 जून से 5 जुलाई के बीच पहुंचने की संभावना है।

इन राज्यों में होगी भारी बारिश

इस साल मानसून के दौरान कुछ खास राज्यों में अत्यधिक बारिश (above normal rainfall) की संभावना जताई गई है। इनमें शामिल हैं:

  • केरल, कर्नाटक और गोवा
  • उत्तर पूर्वी राज्य जैसे असम, मेघालय और मणिपुर
  • ओडिशा और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्से

इन क्षेत्रों में भारी वर्षा से बाढ़ जैसे हालात बनने की चेतावनी दी गई है। IMD ने राज्य सरकारों को पहले से तैयारी रखने को कहा है।

कहां पड़ेगा सूखा? किसे सताएगी बारिश की कमी

वहीं कुछ राज्य ऐसे हैं जहां मानसून कमजोर रहने के आसार हैं:

  • राजस्थान के पश्चिमी हिस्से
  • हरियाणा और पंजाब
  • उत्तर प्रदेश का बुंदेलखंड इलाका
  • गुजरात का कच्छ क्षेत्र

यहां किसानों को पानी की कमी का सामना करना पड़ सकता है। सरकार को चाहिए कि समय रहते वैकल्पिक सिंचाई की योजना तैयार करे।

खेती पर क्या होगा असर? किसानों को क्या करना चाहिए?

मानसून भारतीय कृषि की रीढ़ है। बारिश अगर असामान्य रहती है तो फसल चक्र पर गहरा असर पड़ता है। खासकर धान, कपास और मक्का जैसी फसलें बारिश पर निर्भर होती हैं।

कृषि विशेषज्ञों की सलाह है कि किसान:

  • जल संरक्षण पर ध्यान दें
  • कम पानी वाली फसलों की ओर रुख करें
  • सरकारी कृषि योजनाओं का लाभ उठाएं
  • अपने बीज और खाद की खरीद पहले से कर लें

शहरी इलाकों में जलभराव का खतरा

बड़े शहरों जैसे मुंबई, कोलकाता, दिल्ली और बेंगलुरु में मानसून आते ही जलभराव की समस्या आम हो जाती है। नालों की सफाई, ट्रैफिक मैनेजमेंट और बिजली कटौती के लिए प्रशासन को अभी से सतर्क रहना होगा।

मानसून में कैसे रखें सेहत का ख्याल?

बारिश का मौसम अपने साथ बीमारियों का खतरा भी लाता है। खासकर डेंगू, मलेरिया, सर्दी-खांसी और फूड प्वाइज़निंग जैसी दिक्कतें बढ़ जाती हैं। डॉक्टरों की सलाह है:

  • उबला हुआ या फिल्टर पानी ही पिएं
  • बाहर का तला-भुना खाना टालें
  • भीगने के बाद तुरंत कपड़े बदलें
  • बच्चों और बुज़ुर्गों को विशेष देखभाल दें

सरकार की तैयारी और अलर्ट

केंद्र और राज्य सरकारें मानसून से निपटने के लिए NDRF और SDRF की टीमों को तैयार कर रही हैं। बाढ़ संभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री, नावें और हेल्थ कैंप की व्यवस्था की जा रही है। मौसम विभाग ने आम नागरिकों से अपील की है कि:

“बारिश के दौरान अफवाहों से बचें और केवल सरकारी अलर्ट पर भरोसा करें।”

निष्कर्ष:

मानसून 2025 भारत के लिए मिश्रित संकेत लेकर आ रहा है। जहां कुछ राज्यों को राहत मिलने वाली है, वहीं कुछ इलाकों को सावधानी बरतनी होगी। अगर हम सभी समय रहते तैयारी करें, तो इस मानसून को वरदान बना सकते हैं, वरना यह मुसीबत भी बन सकता है।