महज़ 7 साल के दिव्यांग बच्चे ने किया कमाल, पिता के साथ माउंट एवरेस्ट पर फहराया तिरंगा
कुछ छोटे बच्चे कम इतना बड़ा कारनामा कर देते है जिसे कई लोग जीवन भर में नहीं कर पाते है, हाल ही में कुछ ऐसा ही कारनामा इंदौर के रहने वाले 7 साल के दिव्यांग बच्चे अवनीश ने कर दिखाया। अवनीश ने महज़ सात साल की उम्र मे अपने पिता के साथ माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई कर वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किया है। अवनीश ऐसा करने वाला दुनिया का पहला बच्चा बन गया है। जो कि डाउन्स सिंड्रोम नामक बीमारी से ग्रसित है। अवनीश ने 18200 फीट की ऊँचाई पर जाकर अपने पिता के साथ तिरंगा लहराया है।
पिता ने लिया निर्भीक निर्णय
आदित्य अपने बेटे अवनीश का ऑक्सीजन लेवल चैक कराने के लिए उसे फ्लाइट से लद्दाख लेकर गए,इस दौरान उनके बेटे को कोई तकलीफ नही हुई। इसके बाद वें अपने बेटे को गुलमर्ग, सोनमर्ग और पहलगाम जैसे इलाको मे लेकर गए, जहां अवनीश ने अच्छे से सफर किया और उन्हें कोई भी तकलीफ का सामना नही करना पड़ा, तब आदित्य ने अपने बेटे अवनीश के साथ माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई करने का निर्णय लिया।
कई बातों का रखा ध्यान
एवरेस्ट की चढ़ाई के लिए पिता ने बेटे को स्पेशल ट्रेनिंग दी थी। डाइट प्लान में बदलाव भी किया था। माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई के कुछ महीनों पहले से ही आदित्य ने अपने बेटे को ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया था। आदित्य काफी पहले से केवल फल खा रहे थे तो वही अवनीश ने सिर्फ दाल रोटी खाई, क्योंकि पहाड़ो पर बिना मसाले वाला उबला हुआ खाना ही सही रहता है।
तमाम मुश्किलों का किया सामना
इस चढ़ाई के दौरान पिता और बेटे के साथ 70 किलो वज़न भी था जिसमे 10 किलो तो अवनीश की दवाईया ही थी। ताकि बेटे को किसी किस्म की तकलीफ का सामना ना करना पड़े। इस समान के साथ नेबुलाइजर मशीन भी थी। इसके अलावा उन्होंने अपने बेटे के लिए एक खास बीमा भी कराया था, ताकि जरुरत पड़ने पर वें अपने को एयरलिफ्ट करा सके।
अविनाश ने की मिशाल कायम
अवनीश डाउन सिंड्रोम नामक बीमारी से ग्रसित है। डाउन सिंड्रोम एक तरह का क्रोमोसोमल डिफेक्ट है। यह बीमारी बच्चे को जन्म से ही होती है। अवनीश ने अपने पिता के साथ काला पत्थर तक चढ़ाई की। काला पत्थर की ऊंचाई 18200 फीट यानी 5500 मीटर है। इससे पहले इस उम्र के किसी स्वस्थ बच्चे ने भी एवरेस्ट की चढ़ाई नहीं की है। अवनीश ने उन बच्चो के लिए मिसाल कायम की है, जिन्हे लोग कमज़ोर कहते है। अवनीश ने देश के हर दिव्यांग का हौसला बढ़ाया है।
आदित्य ने बेटे को लिया था गोद
अवनीश को डाउंस सिंड्रोम नाम की बीमारी है। इसकी जानकारी लगने के बाद उनके बायोलॉजिकल पैरंट ने उन्हें अनाथालय में छोड़ दिया था। लेकिन जब आदित्य अडॉप्शन के लिए अनाथालय पोहचे तो उन्हे इस 7 महीने के बच्चे से अलग लगाव महसूस हुआ और उन्होंने 6 साल पहले बच्चे को गोद लेकर उसका नाम अवनीश रखा। आदित्य ने अवनीश को अपनी शादी से पहले गोद लिया था। अवनीश महू आर्मी स्कूल में नार्मल कहे जाने वाले बच्चों के साथ पढ़ते हैं। जहाँ उन्हे किसी भी तरह की कोई समस्या का सामना नही करना पड़ता।