इन दिनों देश में महंगाई रोजाना नए आयाम छू रही है। पिछले कई दिनों से महंगाई की रेस मे सबसे आगे पेट्रोल और डीजल ही चल रहे थे, दोनों के बीच आगे निकलने के लिए पूरे देश मे काफी करीबी टक्कर चल रही थी, लेकिन अचानक से इस मंहगाई की दौड़ में निम्बू ने एंट्री ले ली। जिसने सभी चौंकते हुए बहुत ही तेज़ी से सबको पीछे छोड़ दिया और दौड़ में सबसे आगे निकल आये। जिसके कारण निम्बू ने आम आदमी के जीवन में मंहगाई का एक अलग ही स्वाद घोल दिया है.
निम्बू के मंहगे होने का कारण
निम्बू के अचानक से दाम बढ़ने के कारण सभी लोग काफी हैरान और परेशान है। किसी ने भी नहीं सोचा था कि निम्बू अचानक इतना महंगा हो जायेगा। निम्बू का अचानक से महंगा होने का सबसे बड़ा कारण बीते साल का मौसम है। बीते साल मानसून में तो अच्छी बारिश हुई थी ,लेकिन उसके बाद अक्टूबर और नवम्बर में हुई बारिश ने सारा खेल बिगाड़ दिया। जिसके कारण सीजन के दूसरे पखवाड़े में निम्बू के उत्पाद में कमी आयी और गर्मी का सीजन आने के साथ निम्बू की मांग में तेज़ी आयी। यही कारण रहा कि देश में इस समय निम्बू के भाव आसमान पर है।
आंध्र प्रदेश में होती हैं सबसे ज्यादा पैदावार
भारत में प्रतिवर्ष 3.17 हेक्टेयर क्षेत्र में नींबू की खेती होती है। एक बढ़िया नींबू का पौधा या पेड़ साल में 3 बार नींबू उगाता है। आंध्र प्रदेश भारत का सबसे बड़ा नींबू उत्पादक राज्य है, जहां 45 हज़ार हेक्टेयर में इसकी खेती होती है। आंध्र प्रदेश के बाद महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा और तमिलनाडु में नींबू की सबसे ज्यादा खेती होती है। भारत में सालाना 37 लाख टन से ज़्यादा नींबू उगाया जाता है , भारत न तो नींबू दूसरे देशों को भेजता है न ही दूसरे देशों से खरीदता है।
कब मिल सकती है राहत
निम्बू के भावो में राहत की बात करे तो इस गर्मी के सीजन में वहां तो काफी मुश्किल नज़र आती है। देश में इस समय कही भी निम्बू की पैदावार नहीं हो रही है। अब देश में अगली बार निम्बू की नई पैदावार अक्टूबर में होगी। तभी देश में निम्बू के भाव में कमी हो सकती है। . हालांकि, इसके बाद भी मांग पूरी हो पाने की उम्मीद बहुत ही कम है।
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