बाईक से 9000 किमी की यात्रा पर निकली शहिद की पत्नी, शहीदों की विधवाओं का हौसला बढ़ाना है उद्देश्य
कई बार कुछ लोगों को बहुत कम उम्र में ही उन्हें काफी बड़ा दुःख मिल जाता है। जिससे कई बार लोग उस दुःख के बारे में सोच सोचकर जिंदगी बिताते हैं तो कुछ लोग उस दुःख से लड़कर दूसरों जीवन जीना सीखाते है और कई लोगों के प्रेरणास्रोत बनते हैं। कुछ ही ऐसी ही कहानी कोच्चि की रहने वाली कृष्णा की। जिन्होंने मात्र 19 वर्ष की उम्र में अपने पति को खो दिया। उन्होंने पूरा जीवन पीड़ा में बिताने की वजह उनकी जैसी स्त्रियों को प्रोत्साहित करना चुना और अकेली ने 9000 किमी यात्रा करना तय किया।
19 वर्ष की उम्र खोया पति को
कृष्णा ने महज़ 19 वर्ष की उम्र में ही एक हादसे में अपने पति वायु सेना के अधिकारी शिवराज को खो दिया था। जिस वजह से कृष्णा दूसरो का दुःख बहुत अच्छे से समझ सकती है। उन्होंने हाल ही में शहीद हुए रक्षा कर्मियों को श्रद्धांजलि देने और उनकी विधवा पत्नियों को प्रोत्साहित करने के लिए 9000 किमी क्रॉस-कंट्री मोटरसाइकिल यात्रा पूरी की है।
3 महीनो में पूरी की यात्रा
रिपोर्ट्स के अनुसार, 11 अप्रैल को अपनी यात्रा शुरु कर 26 जुलाई को कृष्णा अपना लक्ष्य प्राप्त कर अपने घर लौटी। कृष्णा ने महज़ तीन महीनों में ही पूर्वोत्तर, दक्षिण और मध्य भारत के राज्यों को कवर करते हुए 9,000 किलोमीटर का सफर तय किया, जो की बहुत ही मुश्किल कार्य था।
कृष्णा ने हिम्मत नहीं हारी
पति के गुजरने के 3 महीने बाद ही कृष्णा ने एक बेटी को जन्म दिया, लेकिन कृष्णा बिल्कुल भी कमज़ोर नहीं पढ़ी इतना सब कुछ होने के बाद भी उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की और अपना घर खर्च निकालने के लिए ऑल इंडिया रेडियो में एक कैजुअल आर्टिस्ट की नौकरी भी की। कृष्णा प्रसार भारती के रेनबो एफएम चैनल के साथ काम करती हैं और वह एक रेडियो जॉकी भी है।
करोड़ो महिलाओं के लिए पेश की मिसाल
अपने सफर के दौरान कृष्णा ने पूरे भारत में 25 आकाशवाणी स्टेशनों का दौरा किया। उन्हें मोटरसाइकिल चलाने का बहुत शौक है,जिस वजह से उन्होंने अपने सफर के लिए बाइक को चुना। कृष्णा का कहना है की इस यात्रा का मकसद रक्षा कर्मियों की विधवाओं को प्रोत्साहित करना है, कृष्णा ने इस यात्रा को पूरा कर देश की करोड़ो महिलाओं के लिए एक मिसाल पेश की है।