छत्तीसगढ़ के इस युवा इंजीनियर ने 24 लाख की नौकरी छोड़ कर गांव में खड़ी की खुद की कंपनी, आज कंपनी का टर्नओवर 2 करोड़ रुपये से ज्यादा हुआ
कहा जाता है कि आज भी भारत की आत्मा गांवों में बसती है। यही कारण है कि आज भी भारत की 50 फीसदी आबादी गांवो में बसती है। लेकिन आजकल की युवा पीढ़ी शहर की ओर अग्रसर हो रही है। लेकिन छत्तीसगढ़ के युवा सचिन ने युवा पीढ़ी की सोच को बदल दिया है और अपने ही गांव में खेती से एक अनोखा चमत्कार करके दिखाया है। जिस पर काफी कम लोग विश्वास कर रहे हैं। आईये जानते है उनके इस चमत्कार के बारे में विस्तार से।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया
सचिन छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के मेधपुर के रहने वाले हैं। वह बचपन से अपने दादा वसंत राव काले से बहुत ही ज्यादा प्रेरित थे। उनके दादा ने उन्हें बचपन से ही खेती किसानी के बारे में बताया और थोड़ा बहुत सिखाया था। वहीं सचिन एक होनहार छात्र थे। परिवार भी चाहता था कि बेटा बढ़ा होकर नाम रोशन करे। उन्होंने साल 2000 में नागपुर के इंजीनियरिंग कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद फाइनेंस में एमबीए किया। इसके साथ ही लॉ ग्रेजुएट भी हैं। साल 2007 में अर्थशास्त्र में पीएचडी भी की हुई है।
पढ़ाई के बाद की 24 लाख की नौकरी
इतनी डिग्री लेने के बाद उन्हें आसानी से एक अच्छी नौकरी मिल गई। उसके बाद सचिन ने 12 लाख पैकेज पर एक दूसरी कंपनी जॉइन कर ली। वे इंजीनियर तो बन गए थे। लेकिन उनका मन इंजिनियरिंग में नहीं लग रहा था। वह गुड़गांव की एक बड़ी कंपनी में 24 लाख रुपए के सालाना पैकेज पर नौकरी कर रहे थे। अच्छी खासी जॉब थी। लेकिन उनके दिमाग में हमेशा कुछ नया करने की चाह रहती थी। वे खुद का बिजनेस करना चाहते थे। जिसके लिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी।
नौकरी छोड़कर लौटे अपने गांव
सचिन कुछ अलग और खुद का करना चाहते थे। लेकिन वें समझ नहीं पा रहे थे कि क्या अलग करें। फिर एक दिन उन्हें अपने दादा की एक बात याद आई कि इंसान किसी भी चीज के बिना रह सकता है लेकिन खाने के बिना नहीं रह सकता। सचिन ने खेती करने का फैसला किया। वे अपने गांव मेधपुर लौट आए। उन्होंने खेती से जुड़ी जानकारी विभिन्न माध्यमों से इकट्ठा की। काम शुरू करने में एक समस्या यह भी थी कि गांव में मजदूर की बहुत कमी थी। इसके लिए उन्होंने कांट्रेक्ट खेती करने का फैसला लिया।
गांव के लोगों की जमीन ली काॅनट्रैक्ट पर
इसके बाद उन्होंने गांव के लोगों की जमीन काॅनट्रैक्ट पर लेना शुरू किया। उन्होंने जिन लोगों की जमीन ली थी। उनसे कहा कि इस जमीन पर खेती मैं अपने अनुसार करूंगा। जिसके बाद कई किसान राजी भी हो गए। उन्होेंने कई मजदूरों को अपने साथ जोड लिया और काम शुरू किया। उन्होंने आम खेती करने की वजह जैविक खेती करने की सोची और जैविक खेती। जिसने उन्हें भरपूर मात्रा में फसल और लाभ दिया।
अब खड़ी की 2 करोड़ के टर्नओवर की कपंनी
सचिन का जैविक खेती करने का आइडिया सफल हो गया और उन्होंने गांव के कई लोगों की जमीन काॅनट्रैक्ट पर लेना शुरू कर दिया। उन्होंने साल 2014 में इनोवेटिव एग्रीलाइफ सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड नाम से अपनी खुद की कंपनी शुरू की। शुरुआत में जो किसान अपनी जमीन देने से दूर भागते थे। वे सचिन के सफल बिजनेस को देखते हुए उन पर भरोसा करने लगे। आज सचिन की कंपनी का सालाना टर्नओवर 2 करोड़ रुपए से अधिक है। आपको बता दें कि सचिन के पास तक़रीबन 137 किसानों की 200 एकड़ से ज्यादा जमीनें हैं। जिस पर वें खेती करते हैं।