छत्तीसगढ़ का यह गांव आम आदमी का गांव नहीं बल्कि यूट्यूबरस का गांव, गांव के हर घर में है यूट्यूबरस
कहा जाता है कि भारत देश की आत्मा गांव में बसती है। आज भी देश के 50-60 फीसदी लोग गांव में निवास करते हैं। लेकिन पिछले कुछ सालों में गांव के लोग शहरों में बढ़ते इंटरनेट प्रभाव और तकनीक के कारण शहरी क्षेत्र में पलायन कर रहे हैं। जिसके कारण में लोगों की संख्या कम होती जा रही है। लेकिन छत्तीसगढ़ का एक गांव लोगों की इस सोच को चुनौती देता है। वह गांव के लोग इंटरनेट और तकनीक के साथ हाथ मिलाकर एक नया इतिहास रच रहे हैं। आईये विस्तार से जानते हैं इस गांव के बारे में और इस गांव के लोगों के बारे में।
3 हजार लोग में से 1 हजार लोग यू – टूयूबर
छत्तीसगढ़ के इस गांव का नाम तुलसी गांव है। जो छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से करीब 45 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है। इस गांव में लगभग 3000 लोग रहते है ,जिनमे से 1000 ऐसे हैं, जो किसी ना किसी यूट्यूब चैनल में हास्य अभिनय करते देखे जा सकते हैं। इसमें गांव के 15 साल से उम्र के ग्रामीण से 85 वर्ष तक के ग्रामीण शामिल हैं। जो यू-ट्यूब पर वीडियो बनाते हैं।
सरकारी नौकरी छोड़ शुरू किया
यू – ट्यूब चैनल तुलसी गांव में कई लोग ऐसे हैं। जिन्होंने यूट्यूब को अपने प्रोफेशन बनाने के लिए उन्होंने सरकारी नौकरी तक छोड़ दी है। कुछ ऐसा ही किया है गांव में ही रहने वाले दो दोस्त ज्ञानेंद्र शुक्ला और जय वर्मा ने। जो सरकारी नौकरी करते थे। ज्ञानेंद्र और जय ने नौकरी छोड़ कर यू-ट्यूब चैनल खोला। ज्ञानेंद्र शुक्ल स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया में नेटवर्क इंजीनियर थे और यूट्यूब वीडियोज़ देखते थे। वीडियोज़ देखते-देखते ही उन्हें नौकरी छोड़कर अपना कंटेंट बनाने का आइडिया आया। जय वर्मा कोचिंग में पढ़ाते थे और दोनों ने मिलकर यूट्यूब चैनल शुरू किया। अब तक दोनों ने मिलकर 250 वीडियोज़ बनाए हैं और उनके 1.15 लाख से ज़्यादा सब्सक्राइबर्स हैं।
रामलीला से सीखा अभिनय
ज्ञानेंद्र शुक्ला ने इसको लेकर बताया, ‘पहले मुझे कन्टेंट बनाने में हिचकिचाहट होती थी और पब्लिक में एक्टि नहीं कर पाता था। जब गांव के कुछ बुज़ुर्गों ने हमें राम लीला में भाग लेने को कहा तो हमारी हिचकिचाहट दूर हो गई। आज लगभग गांव का हर शख्स यूट्यूब वीडियो बना रहा है और अच्छी-खासी कमाई कर रहा है।’ वही जय ने कहा, ‘हमें देखकर बाकी लोगों ने भी यूट्यूब और बाद में टिकटॉक और अब रील्स बनाना शुरू किया है। मैंने केमिस्ट्री में एम एस सी की है। मैं कोचिंग इंस्टीट्यूट में पढ़ाकर महीने के 12-15 हज़ार कमाता था।अब वीडियोज़ बनाकर 30-35 हज़ार कमाता हूं।’
15 वर्ष का लड़का और 85 वर्षीय बुजुर्ग महिला बनाती है वीडियो
इन दोनों के अलावा छत्तीसगढ़ के इस गांव में 1,000 यूट्यूबर्स है। जो यू-ट्यूब वीडियो बनाते हैं। इनमें सबसे छोटा एक 15 वर्ष का लड़का, जिसका नाम राहुल है और सबसे बूढ़ी 85 वर्ष की एक महिला हैं, जिनका नाम बिसाहिन है। गांव में अधिकांश लोग कामेडी वीडियो बनाते हैं। जिसके कारण गांव के लोगों को कामेडी चैंपियंस भी कहा जाता है।