पृथ्वी पर जनसंख्या ने पार किया 8 अरब का आंकड़ा, जानिए भारतीय जनता ने इस आकड़े में कितना योगदान दिया
मंगलवार का दिन इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। क्योंकि आज के दिन पूरी दुनिया में आठ अरब जनसंख्या पूरी हो गई है। इस बात की जानकारी संयुक्त राष्ट्र ने सभी को दी। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार दुनिया की जनसंख्या सात अरब से आठ अरब तक पहुंचने में 17.7 करोड़ लोगों का सर्वाधिक योगदान भारत देश का है। जबकि वही दूसरे नंबर पर चीन है, जिसने इसमें 7.3 करोड़ लोग जोड़े है।
यूएन ने जारी की रिपोर्ट
विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर जारी वार्षिक विश्व जनसंख्या संभावना रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक जनसंख्या 1950 के बाद से अपनी सबसे धीमी दर से बढ़ रही है, जो 2020 में एक प्रतिशत से भी कम हो गई थी। यूएन की रिपोर्ट यह भी कहती है कि साल 2050 तक वैश्विक जनसंख्या में अनुमानित वृद्धि का आधे से अधिक केवल आठ देशों में केंद्रित होगा। ये देश कांगो, मिस्र, इथियोपिया, भारत, नाइजीरिया, पाकिस्तान, फिलीपींस और तंजानिया हैं। दुनिया के सबसे बड़े देशों में असमान विकास दर आकार के आधार पर उनकी रैंकिंग को फिर से व्यवस्थित करेगी।
औसत उम्र में हुई बढ़ोत्तरी
वही यूएन की जारी रिपोर्ट में एक बात यह सामने आयी है कि पिछले एक – दो दशक में पूरी दुनिया में औसत उम्र में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। जहां साल 1990 में पूरी दुनिया में औसत उम्र 63 वर्ष थी। जो अब साल 2019 में बढ़कर 72.8 हो गई है। वही यूएन की रिपोर्ट में यह भी संभावना जताई गयी है कि मृत्यु दर में और कमी के परिणामस्वरूप 2050 में वैश्विक स्तर पर औसत उम्र लगभग 77.2 वर्षों होने का अनुमान है।
भारत में तेज़ी से बढ़ रही जनसंख्या
वही अगर भारत के संदर्भ में बात करें तो अगर पूरी दुनिया में इस समय यदि किसी देश में जनसंख्या सबसे तेजी से आगे बढ़ रही है तो वहां भारत देश है। जिसकी जनसंख्या सबसे तेजी से बढ़ रही है। जो आने वाले समय में भी जारी रहेगा। इसके अतिरिक्त भारत साल 2023 तक जनसंख्या के मामले में चीन को पीछे छोड़ देगा।
पीएफआई ने कहा अवसर के तौर पर देखे
वही भारत में तेजी बढ़ रही जनसंख्या को लेकर पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) ने कहा कि इस मील के पत्थर को एक समस्या के रूप में नहीं बल्कि भारत के लिए बेहतर योजना बनाने और दुनिया भर के लोगों के लिए एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन प्रदान करने के अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए। पीएफआई ने कहा, ‘कुछ वर्ग यह आशंका व्यक्त करते रहे हैं कि अधिक जनसंख्या शासन के लिए एक समस्या होगी। हालांकि, इसे एक अवसर की तरह देखना चाहिए।’
2037 तक होगी नौ अरब जनसंख्या
पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया की कार्यकारी निर्देशक पूनम मुर्तजा ने कहा, ‘हम जानते हैं कि दुनिया भर में जनसंख्या वृद्धि स्थिर हो रही है। विश्व की जनसंख्या को सात से आठ अरब तक पहुंचने में 12 साल लग गए, वहीं 2037 तक नौ अरब तक पहुंचने में लगभग 15 साल लगेंगे जोकि यह दर्शाता है कि जनसंख्या वृद्धि की गति धीमी हो रही है।’ उन्होंने कहा, ‘अब हमें गर्भनिरोधक की अधूरी आवश्यकता को खत्म करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए ताकि महिलाएं यह तय कर सकें कि उन्हें बच्चे पैदा करने हैं या नहीं और यदि हां, तो कब, कितने और किस अंतराल पर करने है।’