Virat Kohli के किंग कोहली बनने की कहानी
सफल क्रिकेटर होने के साथ ही वह एक सफल बिज़नेस मैन भी हैं वह जिम चैन से लेकर क्लोथिंग और रेस्टोरैंट्स चैन में भी हाथ आज़मा रहे है
मुश्किलों से भाग जाना आसान होता है ,
हर पहलु जिंदगी का आसान होता है।
डरने वालो को मिलता नहीं कुछ जिंदगी में
लड़ने वालो के कदमों जहां होता है।
जी हां, इन पंक्तियों को सार्थक बनाया हमारे देश की क्रिकेट टीम के विराट कोहली ने। विराट कोहली का नाम आज किसी भी पहचान का मोहताज नहीं है। आकाश की इन बुलंदियों को छूने से पहले विराट ने बहुत सी असफलताओ और कठिन परिस्थितयों को गले लगाया था। पर उनके दॄढ़ विश्वास, लगन और जूनून ने उनकी सारी परेशानियों को धूल चटा दी। तो आज हम बताते है हमारे ; भारतीय क्रिकेट टीम के सफ़ल बल्लेबाज विराट कोहली की जिंदगी के जाने अनजाने पहलुओं को।विराट कोहली का जन्म 5 नवम्बर 1988 को दिल्ली में एक पंजाबी परिवार में हुआ था। उसके पिता प्रेम कोहली वकील और माता सरोज कोहली एक गृहिणी है। उनके एक बड़े भाई विकास और एक बड़ी बहन भावना भी है।
1998 में, पश्चिमी दिल्ली क्रिकेट अकादमी बनी और कोहली 9 साल की आयु में ही उसमे शामिल हुए। कोहली के पिता ने तभी कोहली को अकादमी में शामिल किया जब उनके पडोसी ने उनसे कहा की, “विराट को गली क्रिकेट में समय व्यर्थ नही करना चाहिये बल्कि उसे किसी अकादमी में व्यावसायिक रूप से क्रिकेट सीखना चाहिये।”खेलों के साथ ही कोहली पढाई में भी अच्छे थे, उनके शिक्षक उन्हें, “एक होनहार और बुद्धिमान बच्चा बताते है।”
18 दिसम्बर 2006 को ब्रेन स्ट्रोक की वजह से काफी दिनों तक आराम करने के बाद उनके पिता की मृत्यु हो गयी। अपने प्रारंभिक जीवन को याद करते हुए कोहली एक साक्षात्कार में बताते है की, “मैंने अपने जीवन में बहुत कुछ देखा। मैंने युवा दिनों में ही अपने पिता को खो दिया, जिससे पारिवारिक व्यापार भी डगमगा गया था, इस वजह से मुझे किराये की रूम में भी रहना पड़ा। ये समय मेरे और मेरे परिवार के लिए काफी मुश्किल था।
आज भी उस समय को याद करते हुए मेरी आँखे नम हो जाती है।” कोहली के अनुसार, बचपन से ही क्रिकेट प्रशिक्षण में उनके पिता ने उनकी सहायता की थी। “मेरे पिता ही मेरे लिए सबसे बड़ा सहारा थे।” वही थे जो रोज़ मेरे साथ खेलते थे। आज भी कभी-कभी मुझे उनकी कमी महसूस होती है।
विराट कोहली एक अंतर्राष्ट्रीय भारतीय क्रिकेटर है। वे दाएं हाथ के बल्लेबाज है और कभी-कभी दाएं हाथ से बोलिंग भी कर लेते है। वे अभी टेस्ट क्रिकेट की भारतीय टीम के कप्तान और वन-डे क्रिकेट की भारतीय टीम के उप-कप्तान है।
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में वे रॉयल चैलेंजर बंगलौर के कप्तान है। कोहली को 2012 में भारतीय वन-डे टीम के उप-कप्तान के रूप में नियुक्त किया गया, और बहुत से समय भारत के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की अनुपस्थिति में भी वे टीम की बागडोर सँभालते है।
धोनी के 2014 में टेस्ट से सन्यास लेने के बाद से ही कोहली को टेस्ट टीम की कप्तानी सौपी गयी। कोहली ने अपने नाम कई रिकार्ड्स किये जिसमे सबसे तेज़ वन-डे शतक, वन-डे क्रिकेट में सबसे तेज़ 5000 रन और सबसे तेज़ 10 वन-डे शतक बनाना भी शामिल है। वे विश्व में अकेले ऐसे बल्लेबाज़ है जिन्होंने लगातार 4 सालो तक वनडे क्रिकेट में 1000 या
उस से भी ज्यादा रन बनाये है। 2015 में, वे 20-20 में 1000 रन बनाने वाले दुनिया के सबसे तेज़ बल्लेबाज़ बन गये।
कोहली को कई पुरस्कारों से भी नवाजा गया। जैसे की 2012 में ICC ODI प्लेयर ऑफ़ द इयर और BCCI द्वारा 2011-12 का सर्वश्रेष्ट अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर। 2013 में, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपने अतुल्य योगदान के लिए उन्हें अर्जुन पुरस्कार
दिया गया। स्पोर्ट प्रो, एक UK मैगज़ीन, ने कोहली को 2014 में दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा मार्केटेबल व्यक्ति बताया। कोहली ISL की टीम FC गोवा और IPTL फ्रेंचाईसी UAE रॉयल्स के सह-मालिक भी है।
सफल क्रिकेटर होने के साथ ही वह एक सफल बिज़नेस मैन भी हैं वह जिम चैन से लेकर क्लोथिंग और रेस्टोरैंट्स चैन में भी हाथ आज़मा रहे है ,
कर यकीन खुद पे इतना,
बुलंद हो तेरा हौसला… ऊँचे आसमां जितना
और लिखे तू हर दिन सफलता की नई दास्ताँ.,,,,,