भारत में स्टार्टअप बने रोजगार का बड़ा माध्यम, पिछले पांच सालों में पैदा की 7.68 लाख नौकरियां

पिछले कुछ समय से भारत देश का स्टार्टअप का हब बनता जा रहा है। देश में स्टार्टअप अब सिर्फ एक पेशा ही नहीं बल्कि रोजगार का भी एक बहुत बड़ा माध्यम बना गया है। देश में रोजना सैकड़ों स्टार्टअप शुरू हो रहे हैं। जो रोजाना कई लोगों को नौकरी दे रहे हैं। अब सरकारी आंकड़े भी इस पर मुहर लगा रहे हैं। सरकार ने संसद में जानकारी दी है कि पिछले छह वर्षों में भारत में 72,993 स्टार्टअप रजिस्टर्ड हुए। इन स्टार्टअप ने इस अवधि में लगभग 7.68 लाख नौकरियां पैदा कीं।
संसद में मंत्री ने दी जानकारी
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, स्टार्टअप के मामले में महाराष्ट्र सबसे आगे है। इसने दिल्ली और कर्नाटक को पीछे छोड़ दिया है। पिछले छह वर्षों में बनाए गए स्टार्टअप और बाद में रोजगार देने के मामले में महाराष्ट्र भारत की स्टार्टअप राजधानी के रूप में उभरा है। यह डाटा जनवरी 2016 के बाद की अवधि को कवर करता है, जब सरकार ने अपनी स्टार्टअप इंडिया पहल शुरू की थी।
महाराष्ट्र बना स्टार्टअप का केंद्र
यह सब जानकारी संसद के चल रहे मानसून सत्र में वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश सवालों के जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में 13,519 स्टार्टअप खड़े हुए और इन्होंने इस अवधि में 1.46 लाख नौकरियां पैदा कीं। कर्नाटक और दिल्ली दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे. दक्षिणी राज्य कर्नाटक ने 8,881 स्टार्टअप और 1.03 लाख नौकरियां पैदा कीं। वहीं, राष्ट्रीय राजधानी में 8,636 स्टार्टअप और 87,643 नौकरियां पैदा हुईं। मंत्री ने कहा कि सरकार के पास स्टार्टअप्स द्वारा किए गए निवेश पर कोई केंद्रीकृत डाटाबेस नहीं है।
वही आपको बता दें कि वर्तमान में, भारत में 105 यूनिकॉर्न हैं, जिनकी मार्केट वैल्यूएशन एक अरब डॉलर से ज्यादा है। हालांकि इन स्टार्टअप में सबसे ज्यादा संख्या टेक स्टार्टअप की है। फंड जुटाने के मामले में भी टेक स्टार्टअप सबसे आगे हैं।
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