भोपाल में इस युवा ने कबाड़ बेचने का स्टार्टअप किया शुरू, अब सालाना 10 करोड़ रुपये हुआ स्टार्टअप का टर्नओवर
हम कई बार कुछ चीजों को फालतू और उपयोग का न समझकर काबडे़ में फेंक देते हैं लेकिन कुछ लोग इसी कबाड़े को बेचकर करोड़पति बन सकते है। कुछ ऐसा ही काम किया है, मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में रहने वाले एक शख्स ने। जिन्होंने कबाड़ी बेचकर बेचकर खुद का स्टार्टअप शुरू कर लिया है और अब वह करोड़ों रुपये के मालिक है। आईये जानते है इस कबाड़ी वाले की कहानी को।
चुनौतियों में बीता बचपन
इस स्टार्टअप को शुरू करने वाले शख्स का नाम अनुराग साहटी है। अनुराग मध्यप्रदेश के दमोह के रहने वाले है। अनुराग का बचपन काफी चुनौतियों भरा बीता। उनके पिता एक जनरल स्टोर पर काम करते थे। अनुराग जब 8वीं कक्षा में पढ़ाई कर रहे थे तब उन्होंने अपनी मां को खो दिया। इसके बाद जैसे-जैसे उन्होंने अपने स्कूल की पढ़ाई की पूरी की। इसके बाद वह इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए भोपाल आ गए। जहां उन्होंने ओरिएंटल काॅलेज में दाखिल ले लिया।
कबाड़ी वाले से मिला आईडिया
अनुराग को भोपाल में भी पढ़ाई के दौरान काफी अर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा था। लेकिन उन्होंने सोच रखा था कि उन्हें कुछ अलग हटकर और कुछ अपना करना है। उनकी सोच को पंख मिले एक गली में कबाड़ी वाले को देखकर। जिस दौरान उन्होंने सोचा कि हमें कबाड़ा बेचने के लिए कबाड़ी वाले ढूंढना पडता है। क्यों न कुछ ऐसा किया जाए ताकि कबाड़ी वाले फोन लागने पर खुद घर आकर घर कबाड़ा लेकर जाए।
प्रोफेसर के साथ शुरू किया काम
अनुराग ने अपने इस आईडिया पर ज्यादा सोचे समझे बिना काम करना शुरू कर और अपने काॅलेज के प्रोफेसर कविंद्र को बताया। दोनों ने जल्द ही मिलकर इसके लिए बेबसाइट बनाई और काम शुरू कर दिया। हालांकि दोनों ने अपने घरवालों को अपने इस आइडिया के बारें में नहीं कहीं वे इसके लिए मना न कर दे।
2019 में मिली 3 करोड़ की फंडिंग
इसके बाद अनुराग ने अपने दोस्तों से और इधर उधर से जुगाड़ कर अपना छोटा सा स्टार्टअप शुरू किया। उनका रह स्टार्टअप थोड़े ही दिन में चल निकला। साल 2019 में एंजल इन्वेस्टर ने द कबाड़ीवाला में तीन करोड़ रुपए की इन्वेस्टमेंट की थी। इसके बाद स्टार्टअप को पंख मिले और वह भोपाल के अलावा इंदौर रायपुर जैसे शहरों भी फैलता गया।
10 करोड़ हुआ टर्नओवर
वर्तमान में अनुराग के इस स्टार्टअप का 10 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का टर्नओवर है। वह अपने स्टार्टअप के माध्यम से इंदौर, भोपाल, लखनऊ और रायपुर जैसे बड़े शहरों में 300 से भी युवाओं को रोजगार दे रहे हैं। अनुराग को पिछले महीने दीवाली के बाद मुंबई से भी 15 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली है। जो उनके स्टार्टअप को आगे बढ़ाने में और मदद करेगी।
कोई काम नहीं छोटा होता
अनुराग के इस कबाड़ी वाले स्टार्टअप से लाखों युवाओं को सीख मिलती है कि कोई काम छोटा नहीं होता है। आप यदि छोटे से छोटे काम मेहनत और लगन के साथ करते हैं तो आप उस काम करोड़ रुपये कमा सकते हैं जैसे अनुराग कबाड़ी वाले से कमा रहे हैं।