सन 1947 में देश के आज़ाद होने के साथ साथ भारत और पाकिस्तान का विभाजन भी हो गया, जिसके बाद कई लोगो को ना चाहते हुए भी हिंदुस्तान छोड़कर पाकिस्तान जाना पड़ा और कई लोगो को सरहद के उस पार से इस पार आना पड़ा, जिसमें एक नाम रीना छिब्बर का भी है, जिनको महज़ 15 साल की उम्र में ही अपना जन्मस्थल और अपना घर छोड़कर हिंदुस्तान आना पड़ा।
75 साल बाद अपनी जन्मभूमि पर जा पायी
आज से 75 वर्ष पहले रीना छिब्बर को महज़ 15 साल की उम्र में ही अपने परिवार के साथ अपनी जन्मभूमि रावलपिंडी को छोड़कर हिंदुस्तान आना पड़ा, अब रीना की उम्र 90 वर्ष हो चुकी है, इतने लंबे समय के बाद रीना छिब्बर वर्मा को सरहद के उस पार अपने पुराने घर रावलपिंडी जाने का मौका मिला है। इतने लंबे अरसे के बाद अपने घर रावलपिंडी जाने पर बुजुर्ग ने भावुक होकर कहा “मुझे सच में ऐसा लग रहा है कि मैं घर वापस जा रही हूं।”
सोशल मीडिया की रही बड़ी भूमिका
रीना वर्मा ने पहले भी पाकिस्तान के लिए वीजा का आवेदन किया था। इस संबंध में रीना वर्मा कहती है कि 1965 में उन्होंने पाकिस्तानी वीजा के लिए आवेदन किया था, लेकिन उन दिनों युद्ध की स्थिति बन गई थी, जिस वजह से उन्हें वीजा नहीं मिल सका। पिछले साल ही रीना ने सोशल मीडिया पर अपने पुश्तैनी घर जाने की इच्छा जाहिर की थी, जिसके बाद एक पाकिस्तानी नागरिक सज्जाद हैदर ने सोशल मीडिया पर उनसे संपर्क किया और रावलपिंडी में उसके घर की तस्वीरें भेजीं थी।
पाक की विदेश राज्य मंत्री ने की मदद
इस बार भी उनका पाकिस्तानी वीजा के लिए आवेदन अस्वीकार कर दिया गया था, लेकिन रीना ने उम्मीद नहीं छोड़ी और इस संबंध में पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार से सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क किया। रीना ने उन्हें अपनी इच्छा ज़ाहिर करते हुए टैग किया था, जिसके बाद हिना रब्बानी खान ने उनके लिए पाकिस्तानी वीजा की व्यवस्था की।
3 महीने का वीज़ा ही मिल पाया
बंटवारे के बाद कई सारे लोगो की यही इच्छा थी कि वे अपने घर वापस जा सके, उन्ही लोंगो में 90 साल की हो चुकी रीना छिब्बर की भी पिछले 75 सालो से यही ख्वाहिश है कि वें रावलपिंडी स्थित अपने घर जा सके। जहां उनका बचपन बीता, सभी की यह इच्छा पूरी ना ही सकी मगर रीना छिब्बर इस मामले में खुशकिस्मत रही और उनकी ख्वाहिश पूरी हुई, एक न्यूजपेपर’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाक उच्चायोग द्वारा रीना वर्मा को सद्भावना के तौर पर तीन महीने का वीजा जारी किया गया है, जिसके आधार पर वे तीन महीने तक पाकिस्तान में रह सकती हैं।
घर पहुंच भावुक हुई
15 जुलाई को रीना अटारी-वाघा बॉर्डर पार कर पाकिस्तान पहुंची और अब वह रावलपिंडी में अपने बचपन के घर ‘प्रेम निवास’ पहुंच चुकी हैं। इस दौरान वो काफी भावुक हो गईं। उन्होंने दोनों देशों की सरकारों से वीजा प्रतिबंधों को कम करने का आग्रह किया है।
पुणे की रहने वाली रीना वर्मा पाकिस्तान पहुंचकर कर अपनी पुरानी यादें ताजा करते हुए एक वीडियो शेयर करते हुए बताया कि उनके बड़े भाई-बहनों के कई मुस्लिम दोस्त हुआ करते थे। रीना बताती है कि उनके पिता काफी खुले विचारों वाले थे और उन्हें लड़के-लड़कियों के मिलने पर कोई आपत्ति नहीं थी।