हम जब भी बाहर रेस्तरां, होटल या शादी में खाना खाने जाते हैं तो अक्सर हम कई बार हमारी प्लेटों में काफी सारा जूठा खाना छोड़ देते हैं। जिसे होटल और रेस्तरां वाले लोग कचरे में फेंक देते हैं। लेकिन हम उस दौरान यह भूल जाते हैं कि जितना खाना हम छोड़ते है उतने खाने से कई लोगों की भूख मिट सकती है। हम तो इस समस्या को नहीं समझ पाए लेकिन इस समस्या को इंदौर शहर का एक युवक समझ गया और उसने कई भूखे और जरूरतमंद लोगों की भूख मिटाने के लिए एक मोबाइल फोन “दानपात्र” एप बनाया गया। जिसके माध्यम से वो और उनकी टीम के हजारों लोगों की भूख मिटा रहे हैं। आईये जानते है इस एप के बारे में और इस एप को शुरू करने वाले इंदौर शहर के युवक के बारें में।
सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की
इस एप को शुरू करने वाले युवक नाम यश गुप्ता है। जिसका जन्म इंदौर शहर की एक बिजनेसमैन फैमिली में हुआ। यश ने इंदौर में ही अपनी पढ़ाई पूरी की। उन्होंने स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद शहर के निजी कॉलेज से ही सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें नौकरी करने का मन नहीं था। वह कुछ अलग हटकर करना चाहते थे।
7 साल के बच्चे से मिली सीख
कुछ समय बाद उन्होंने फैमिली बिजनेस को संभाला। लेकिन वें समाज के लोगों की भी मदद करना चाहते थे। एक बार उन्हें शहर में एक जगह एक महज 7 साल का बच्चा मिला। जिससे यश ने बात की। उस बच्चे ने यश को बताया कि उसकी तीन बहनें है और दादी है। वह गैराज पर गाडिय़ों को साफ कर रोज 70 रूपये कमाता है और इन 70 रूपये से रोज उन चारों का पालन पोषण होता है। यश को उस बच्चे से मिलने के बाद काफी कुछ सीखने को मिला और सोचने को आया कि शहर में ऐसे कई लोगों जिन्हें मदद की काफी जरूरत है और उन लोगों की मदद करने के लिए मुझे करना चाहिए।
शादी से मिला दान पात्र को शुरू करने का आईडिया इसके बाद यश ने लोगों की मदद के लिए कई तरीके सोचे लेकिन कुछ समझ नहीं आया। जब उनके बड़े भाई विनीत की शादी हुई तो शादी में दो हजार से भी अधिक लोग शामिल हुए। उस शादी में उन्होंने देखा कि शादी में खूब सारा खाना बचा। उन्होंने सोचा कि यह खाना उन जरूरतमंद लोगों को तक पहुंचाना चाहिए। जिन्हें इसकी सख्त जरूरत है। उन्होंने इसे सफलतापूर्वक ऐसे लोगों तक पहुंचाया। इसके बाद लोगों की मदद के लिए उन्हें “दानपात्र” एप बनाने का आइडिया आया। उन्होंने कुछ समय बार दानपात्र एप भी बनाया साथ ही उन्होंने लोगों अपनी टीम के साथ इस पर काम करना शुरू किया।
शहर के लोगों को बताया एप के बारें में
यश ने शहर की हो रही शादियों में और शहर के होटल और रेस्तरां में जाना शुरू किया। उन्होंने शहर के लोगों को अपने एप के बारे में बताया। इसके बाद शहर के लोगों से काफी अच्छा रिस्पांस मिला और शहर के कई लोगों ने उनके एप पर रजिस्ट्रेशन भी किया। एप पर रजिस्ट्रेशन के बाद लोगों को यह भी पता चल जाता है कि उनका खाना किस क्षेत्र में किन्हें बांटा गया है।
एक दिन में की 2.5 लाख से ज्यादा लोगों की मदद
यश ने एक इंटरव्यू में बताया था कि 5 हजार से ज्यादा वॉलंटियर्स ने 1 ही दिन में 2.5 लाख जरूरतमंदों तक कपड़े, राशन, खिलौने, किताबें, जूते और घर का दूसरा सामान पहुंचाया था। जिसके चलते दानपात्र का नाम ‘एक्सक्लूसिव वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में शामिल किया गया। इससे पहले भी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 1 दिन में 1.5 लाख परिवारों की मदद की थी। जिसमें ‘इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड’ में नाम दर्ज हुआ है।
अब तक की 15 लाख से अधिक लोगों की मदद
यश की टीम ने कोरोना के दौरान शहर के लाखों लोगों की मदद की। कई लोगों की भूख मिटाने में मदद करने के बाद यश ने अपने एप के माध्यम से लोगों की अन्य जरूरत की चीजों को भी उपलब्ध कराना शुरू किया। अब तक यश शहर के लगभग 15 लाख लोगों से भी ज्यादा लोगों की मदद कर चुके हैं। वें चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोग उनके साथ जुड़े।