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1.सास बहू का मंदिर सास बहू के नोक झोंक वाले रिश्ते होता है पर मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर में एक प्राचीन मंदिर स्थित है। जिसका नाम सास बहू मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण सास - बहू द्वारा किया गया था। इस मंदिर की मूर्तिकला तथा नक़्क़ाशी मनमोहक है।लाल पत्थर से निर्मित इस भव्य मंदिर के चारों ओर मनोरम उद्यान हैं। और यह मंदिर हज़ार भुजाओं वाले विष्णु को समर्पित है।
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2. कांच मंदिर इंदौर स्थित यह मंदिर अंदर रखे कई कांच के चित्र और मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है। बाहर से मंदिर एक मध्यकालीन हवेली की तरह बनाया गया था, लेकिन जैसे ही आप अंदर जाते हैं आप छत, दीवारों, फर्श और स्तंभों पर कांच के मोज़ाइक और नक्काशी देख सकते हैं। अंत में, जब आप मंदिर के गर्भगृह तक पहुँचते हैं, तो आप तीर्थंकरों की मूर्तियों को दर्पणों से घिरा हुआ देख सकते है।
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3 पांडव फॉल्स पन्ना से 14 किमी दूर स्थित पन्ना राष्ट्रीय उद्यान। जिसके अंदर एक शांत पांडव झरना बह रहा है। झरना मध्यप्रदेश में केन नदी की एक सहायक नदी का बारहमासी झरना है। झरना लगभग 30 मीटर की ऊंचाई से एक दिल के आकार के पूल में गिरता है। यह झरना हरे-भरे जंगलों के बीच पर्यटकों को लुभाता है। इस झरने में बहते पानी को मिनरल वाटर से भी शुद्ध माना जाता है। इस जगह को लेकर मान्यता है कि महाभारत के पांडवों ने अपने निर्वासन का एक हिस्सा यहां बिताया था।
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4 अपर लेक मध्यप्रदेश के भोपाल में स्थित अपर लेक सबसे पुरानी और राज्य की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील है । यह झील बड़ा तालाब के नाम से भी जानी जाती है। इस झील को 11वी शताब्दी में राजा भोज ने बनवाया था। दूर से पर्यटक भोपाल में झिलमिलाते पानी के ऊपर लुभावने सूर्यास्त और सूर्योदय के आश्चर्यजनक दृश्य को देखने आते है।आप यहां पर पैडल बोटिंग, बोट क्रूज़ और मोटरबोट की सवारी का आनंद ले सकते हैं।
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5 लोटस वैली लोटस वैली इंदौर शहर से कुछ ही दूरी पर स्थित अपने शांत वातावरण और आश्चर्यजनक दृश्यों के कारण, इसे अक्सर छिपा हुआ रत्न माना जाता है। यहां मुख्य आकर्षण एक झील है जो अपनी सतह पर हजारों सुंदर कमलों से भरी हुई है, जो इसे एशिया की सबसे बड़ी लोटस वैली बनाती है।सूरज पहली किरणों के साथ झील के ऊपर तैरते फूलों को देखना बेहतरीन होता है। आप यहां पर नौका विहार और घुड़सवारी जैसी कुछ गतिविधियों में भी शामिल हो सकते हैं।
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6.पातालकोट मध्यप्रदेश के छिंडवाड़ा में एक ऐसी जगह है, जिसे पाताल लोक कहा गया है। लेकिन यहां कोई राक्षस नही बल्कि इंसान रहते है यह अनोखा स्थान छिंदवाड़ा जिले से 78 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां 12 गांव स्थित है। जो धरातल से 3000 किलोमीटर निचले हिस्से में बसे हैं। जिसके कारण इस घाटी को पातालकोट के नाम से जाना जाता है। यहां घाटी में दूधी नदी भी बहती है। जो इस जगह को और अधिक सुंदर और मनमोहक बनाती है। इस घाटी पर कई प्रकार की औषधि और जडी़ बूटियां भी पायी जाती है।
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7.इन्फेंट्री म्यूज़ियम मध्यप्रदेश के महू में स्थित इन्फेंट्री म्यूज़ियम दुनिया का दूसरा और देश का पहला इन्फेंट्री म्यूज़ियम है।म्यूजियम महू के आर्मी एरिया में बना है ।इस म्यूजियम में 1757 से लेकर इन्फेंट्री की वेशभूषा में किए गए विभिन्न बदलावों को दर्शाया गया है। यहां जाकर आप हमारी सेना ने किस तरह अलग-अलग युद्ध लड़कर फतह हासिल की और देश को आज़ाद करने में उनका क्या योगदान रहा इस सब के बारे में जान सकते है।
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8. ओरछा फोर्ट मध्यप्रदेश का ओरछा जिला इतिहास, संस्कृति और परंपराओं को समेटे हुए है। यहां सबसे प्रसिद्ध किला है बेतवा और जामनी नदी पर स्थित ओरछा का किला। जिसका निर्माण वर्ष 1501 ई. में राजा रुद्र प्रताप सिंह ने करवाया था। इस किले के अन्दर भवन और मंदिर दोनों ही मौजूद है। इस किले के भीतर स्थित राज महल और राम मंदिर की स्थापना राजा मधुरकर सिंह के द्वारा की गई थी। मध्यप्रदेश की कुछ अनसुनी और अनदेखी जगहें
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