भारतीय आर्मी दुनिया की दूसरे बड़ी आर्मी है। हर साल लाखों युवा आर्मी में जाने की तैयारी करते हैं। लेकिन इस दौरान कुछ ही युवाओं को आर्मी में जाने की सफलता मिलती है। ऐसे ही सैकड़ों युवाओं को आर्मी में भर्ती होने की ट्रेनिंग दे रहे हैं, रीवा शहर के रिटायर्ड फौजी दिवाकर दुबे। जो रोजाना सैकड़ों युवाओं को आर्मी की ट्रेनिंग दे रहे हैं। आईये नजर जानते हैं इस फौजी के बारे में।
रिटायर्ड फौजी दे रहे निःशुल्क ट्रेनिंग
दरअसल रीवा शहर से तकरीबन 10 किलोमीटर दूर टिकुरी गांव में रिटायर्ड फौजी आर्मी ट्रेनिंग कैंप चलाते है। इस ट्रेनिंग कैंप के माध्यम से दिवाकर दुबे नौजवानों को आर्मी की ट्रेनिंग देते हैं। इसमें फिजिकल ट्रेनिंग के साथ-साथ तमाम उन बातों का ध्यान रखा जाता है। जिससे नौजवानों का चयन भारतीय सेना में हो सके। इस कैंप की खास बात यह है कि यह कैंप पूरी तरह से निशुल्क है। आसपास के दस गांवों के युवा ट्रेनिंग के लिए इस कैंप में आते हैं।
अर्थिक तंगी को देखते हुए शुरू किया ट्रेनिंग देना
युवाओं का कहना है कि पहले गांव के अधिकतर युवा नशे की चपेट में रहते थे। युवाओं को अपने भविष्य को लेकर भी चिंता थी। शहर में तो कई ट्रेनिंग सेंटर चलाए जाते हैं। जहां आर्मी या पुलिस की ट्रेनिंग बकायदा निर्धारित शुल्क लेकर दी जाती है। लेकिन युवाओं के पास आर्थिक तंगी की वजह से यह विकल्प भी बंद था। गांवों की स्थिति को देखते हुए रिटायर्ड सेना के जवान दिवाकर दुबे ने बेरोजगार नौजवानों को मुफ्त में आर्मी की ट्रेनिंग देना शुरू की। देखते ही देखते ट्रेनिंग प्रोग्राम के सकारात्मक नतीजे सामने आने लगे और नौजवानों का चयन आर्मी में होने लगा।
बदली गांव की तस्वीर
इसके बाद अग्निवीर भर्ती में भी कई जवानों का चयन हुआ है। दिवाकर दुबे की इस ट्रेनिंग कैंप ने गांव की तस्वीर और युवाओं की तकदीर दोनों को ही बदल दिया। नौजवानों का आर्मी चयन होने के बाद से ही गांव में युवाओं की उम्मीद जगी और उन्होंने नशे की आदत से बाहर निकलकर ट्रेनिंग कैंप में जाना शुरू कर दिया।