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इंदौर बनेगा मुंबई के बाद देश का दूसरा फिनटेक शहर, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे मेट्रो शहरों को भी देगा टक्कर

इंदौर शहर देश का सबसे स्वच्छ शहर है। इंदौर लगातार पांच साल से देश में स्वच्छता के मामले में नंबर एक पर आ रहा है। पूरे देश में इंदौर की स्वच्छता के चर्चे होते हैं। स्वच्छता के साथ साथ आजकल देशभर में इंदौर के स्टार्टअप्स के भी चर्चा हो रहे हैं। इंदौर शहर लगातार स्टार्टअप्स के मामले में भी तेजी से आगे बढ रहा है। शहर के कई स्टार्टअप यूनिकॉर्न स्टार्टअप बन गए हैं साथ ही कई स्टार्टअप बहुत ही तेजी से ग्रोथ कर रहे हैं। यही कारण है कि इंदौर शहर को मुंबई के बाद देश की दूसरी फिनटेक सिटी बनाने की तैयारी की जा रही है।

स्टार्टअप के मामले में तेजी से बढ़ रहा इंदौर

दरअसल पिछले कुछ समय से इंदौर में बड़ी तेजी से स्टार्टअप्स की संख्या बढ़ रही है। इसे और रफ्तार देते हुए प्रदेश में 13 मई को स्टार्टअप पॉलिसी लॉन्च की गई थी। जिसका कार्यक्रम भी इंदौर के बिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित हुआ था। जिससे इंदौर सहित प्रदेश के कई स्टार्टअप को ग्रोथ में मदद मिल सके साथ ही वें शहर और प्रदेश के विकास में अपना अमूल्य योगदान दे सके।

स्टार्टअप में इन्क्यूबेशन सेंटरों की अहम भूमिका

वही आपको बता दें कि पहले प्रदेश में 1937 स्टार्टअप थे, जो कुछ महीनों में ही 2200 से अधिक हो गए हैं। इस वित्तीय वर्ष के अंत तक यह आंकड़ा 3 हजार से अधिक पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। लगातार बन रहे स्टार्टअप्स में इन्क्यूबेशन सेंटरों की अहम भूमिका है। अभी प्रदेश में 40 ही सेंटर हैं, जो इस साल अंत तक 70 हो जाएंगे।

क्लीन टेक सिटी भी बनेगा इंदौर

वही अगर इंदौर की बात करें तो इस समय इंदौर के लिए ऐसे सेंटरों को बढ़ावा देने के प्रयास हैं, जो फाइनेंस और इससे जुड़ी टेक्नोलॉजी के स्टार्टअप्स को बढ़ावा दे सकें। दूसरी ओर इंदौर में सबसे ज्यादा स्टार्टअप सैस (सॉफ्टवेयर एज ए सर्विसेस) के हैं। कम लागत और छोटे इन्फ्रास्ट्रक्चर में आसानी से शुरू हो जाते हैं। ऐसे में इंदौर के क्लीन टेक सिटी बनने की भी संभावना भी काफी बढ़ गई है। अभी बेंगलुरु और हैदराबाद में इस दिशा में काफी तेजी से काम चल रहा है।

इंदौर – भोपाल में संभावनाएं ज्यादा

इसको लेकर अटल इन्क्यूबेशन सेंटर (प्रेस्टीज) के सीईओ डॉ. संजीव पाटनी का कहना है कि क्लीन टेक में ऊर्जा के स्रोतों का इस्तेमाल होता है। ये ऐसे स्रोत होते हैं, जिससे किसी भी तरह की गैस उत्पन्न न हो। पूरी तरह प्राकृतिक मसलन हवा, पानी और सूरज से मिलने वाली बिजली के साथ ही ई-व्हीकल भी इसके अच्छे उदाहरण हैं। वही एमएसएमई के सचिव पी नरहरि का कहना है कि प्रदेश में 13 मई को स्टार्टअप पॉलिसी लॉन्च होने के बाद से स्टार्टअप्स की संख्या बढ़ी है। सरकार इन्क्यूबेशन सेंटरों को पूरा सहयोग दे रही है। इंदौर और भोपाल में काफी संभावनाएं हैं। इंदौर के लिए हम उम्मीद करते हैं कि यहां ज्यादा से ज्यादा फाइनेंस और टेक्नोलॉजी से जुड़े स्टार्टअप्स शुरू हों। मुंबई के बाद इंदौर बड़ी फिनटेक सिटी के रूप में विकसित हो सकता है।

स्टार्टअप पार्क बनाने की तैयारी भी जोरों पर

इन सबके अलावा इंदौर में सुपर कारिडोर पर स्टार्टअप पार्क बनाने की तैयारी भी जोरों पर है। जहां इंदौर विकास प्राधिकरण सुपर कारिडोर के दो प्लाटों को जोड़कर साढ़े चार सौ करोड़ रुपये में स्टार्टअप पार्क बनाना चाहता है और जल्दी ही इस प्रोजेक्ट की वित्तीय बिड खोली जाएगी। इंदौर की सबसे ऊंची बहुमंजिला में 50 से ज्यादा स्टार्टअप कंपनियों को मौका मिल सकेगा। इस पार्क में कई सुविधाएं प्राधिकरण मुहैया करवाएगा। अफसर चाहते हैं कि इंदौर में होने वाली इन्वेस्टर्स समिट के दौरान पार्क की आधारशिला रखी जा सके।

Arpit Kumar Jain

Arpit Kumar Jain is a Journalist Having Experience of more than 5+ Years | Covering Positive News & Stories | Positive Action & Positive Words Changes the Feelings
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