6 साल पीएससी की तैयारी करने के बाद अब खोली समोसे की दुकान, अब पूरे देश में सुर्खियां बटोर रहा यह समोसे वाला
आपने सभी लोग ने अब तक एमबीए चायवाला, बीए चाय वाला या बीए समोसे वाला तो सुना होगा लेकिन क्या आपने पीएससी समोसे वाले के बारे में सुना है। जो इन दिनों पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। देश में पीएससी समोसे वाला काफी सुर्खियां बटोर रहा हैं। यह पीएससी समोसे वाला अपने समोसे की दुकान देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में लगाए हुए है। आईये जानते है इसके बारे में विस्तार से।
रीवा के पास के गांव में हुआ जन्म
पीएससी समोसे वाले का नाम अजीत सिंह था। उसका जन्म 24 दिसंबर 1997 को रीवा जिले के चौखड़ा गांव में हुआ था। उनके पिता किसान है जबकि मां गृहणी है। अजीत ने अपने स्कूल की पढ़ाई रीवा से ही पूरी की। वें साल 2017 में 20 साल की उम्र में डिप्टी कलेक्टर बनने का सपना लेकर अपने गांव से इंदौर आए। उन्होंने इंदौर में एक किराये से कमरा लिया और अपनी पीएससी की कोचिंग शुरू की।
कई बार परीक्षा दी लेकिन पास नहीं हो पाए
कोचिंग शुरू करने के बाद उन्होंने लगातार पूरी जद्दोजेहद के साथ एक साल परीक्षा की तैयारी की। एक साल 2019 में पीएससी की पहली बार परीक्षा दी। लेकिन मामले कोर्ट में जाने के कारण उनकी परीक्षा का परिणाम अटक गया। इसके बाद साल 2020 में उन्होंने फिर से परीक्षा दी लेकिन इस बार परीक्षा पास नहीं कर पाए। इसके बाद एक साल बाद फिर से परीक्षा दी लेकिन एक बार रिजल्ट नहीं आया। जिसके कारण वें निराश हो गए।
पिता पर बढ़ा आर्थिक बोझ
वही दूसरी ओर गांव में उनका परिवार आश लगाए बैठे हुआ था कि उनका बेटे की सरकारी नौकरी लगेगी। इस दौरान उनके खर्चा पानी के लिए उनके पिता उन्हें हर महीने पैसा भी भेजा करते थे। जिसके कारण उन पर भी अर्थिक बोझ बढ़ गया। इस दौरान एक बार गांव में अच्छी फसल न होने के कारण और अजीत के पिता और अर्थिक बोझ बढ़ गया।
दोस्तों की मदद से खोली समोसे की दुकान
इसी बीच अजीत ने अपना खर्चा खुद उठाने की सोची और खुद का कुछ करने का सोचा। उन्होंने कुछ दोस्तों की मदद से उसने 10 हजार रुपए महीने की दुकान किराए पर ली। इसमें उसने पीएससी समोसा वाला नाम से दुकान खोली। ये दुकान खोलने का विचार भी अजीत के मन में इसलिए आया क्योंकि 2015 में उसके पिता ने 4 से 6 महीने के लिए होटल खोला था, मगर नुकसान के चलते उसे बंद करना पड़ा था। इस दौरान अजीत ने होटल चलाने और समोसा बनाने का तरीका सीखा।
रीवा के स्पेशल सोमसे बनाते हैं अजीत
इसके बाद अजीत ने 1 सितंबर से ही दुकान शुरू की है। अजीत ने अपना खर्च निकालने के लिए सिर्फ 6 घंटे यानी दोपहर 3 बजे से रात 9 बजे तक ही दुकान खोलता है। इस दौरान सिर्फ वो ही समोसे बेचता है। अजीत का कहना है कि वो रीवा के स्पेशल समोसे बनाता है। साथ ही यहां स्पेशल चटनी भी है। यहां एक समोसा 8 रुपए में चटनी के साथ और दो समोसे 15 रुपए में चटनी के साथ, जबकि एक समोसा मटर के साथ 15 रुपए में और 2 समोसे मटर के साथ 25 रुपए में है।
अब भी जारी है पीएससी की तैयारी
अजीत ने भले ही खर्चा निकालने के लिए समोसे की दुकान खोल ली लेकिन उन्होंने अब भी डिप्टी कलेक्टर बनने का सपना नहीं छोड़ा। उन्होंने अपनी दुकान पर अखबार रखने के बजाए पीएससी एग्जाम में काम आने वाली प्रतियोगी, करंट अफेयर की किताबें रखी हैं। जब दुकान पर ग्राहक नहीं रहते हैं तो वो उस खाली वक्त में उन किताबों से पढ़ाई करता है और यहां आने वाले स्टूडेंट भी इन किताबों को पढ़ते हैं।