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15 साल के लड़के ने कोडिंग प्रतियोगिता जीतकर पायी 33 लाख की नौकरी, लेकिन उम्र की वजह से सपने हुए चकनाचूर

कहा जाता है क जितना भाग्य में लिखा होता है उतना ही मिलता है, ना उससे ज्यादा ना उससे कम कुछ ऐसा ही हुआ है 15 वर्ष के वेदांत देवकाटे के साथ, जिन्होंने अमेरिका की एक कोडिंग प्रतियोगिता जीतकर 33 लाख की नौकरी पायी थी। लेकिन उनकी किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। उनकी कम उम्र होने के कारण वहां उनके सपनों की नौकरी उनसे छिन गई।

15 साल के लड़के को मिली 33 लाख की जॉब

15 वर्षीय वेदांत देवकाटे को अपनी मां के पुराने लैपटॉप मे इंस्टाग्राम स्क्रॉल करते वक्त एक वेबसाइट डेवलपमेंट प्रतियोगिता का लिंक मिला। जिसे देखकर उन्होंने तुरंत उस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने का फैसला किया। उस प्रतियोगिता में वेदांत के अलावा दुनियाभर के 1000 कोडर्स ने अपनी प्रविष्टियां भेजी थीं। मगर फिर भी वेदांत ने अपना कार्य सबसे पहले पूरा किया, उन्होंने कोड की 2000 से अधिक पंक्तियों को लिखकर लगभग दो दिनों में ही अपना कार्य पूरा कर लिया, जिससे वेदांत ने प्रतियोगिता जीत कर 33 लाख रुपये सालाना पैकेज वाली अपनी ड्रीम जॉब भी जीत ली थी। लेकिन उनकी किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।

कम उम्र के कारण कंपनी ने वापस लिया ऑफर

जॉब ऑफर होने के बाद वेदांत बहुत खुश थे, उन्हें न्यू जर्सी की फर्म कपंनी ने एचआरडी टीम में एक पद की पेशकश की थी, जिसमें उनका काम दूसरों को काम सौंपना और कोडर्स का प्रबंधन करना था। मगर इस जॉब के बीच वेदांत की कम उम्र आड़े आ गई। दरसल कंपनी को यह बात बाद में पता चली कि वेदांत की उम्र महज 15 वर्ष ही है। कंपनी की पॉलिसीज के कारण वह वेदांत को जॉब पर नही रख पाए। लेकिन कंपनी ने वेदांत को निराश नहीं किया और कहा कि वे अपनी पढ़ाई पूरी करें और फिर कंपनी से संपर्क करे।

कई उपलब्धियां हासिल कर चुके है वेदांत

वेदांत ने एक वेबसाइट, animeeditor.com विकसित की थी, जो संरक्षकों को यू ट्यूब जैसे वीडियो अपलोड करने का विकल्प प्रदान करती है, जिसमें ब्लॉग, व्लॉग्स, चैटबॉट और एक वीडियो देखने का मंच भी शामिल हैं, इसके अलावा उन्होंने वाथोडा के अपने स्कूल नारायण ई-टेक्नो में एक विज्ञान प्रदर्शनी में रडार सिस्टम मॉडल डिजाइन करके स्वर्ण पदक भी जीता है। वेदांत के माता – पिता उन्हे नया लैपटॉप नही दिला रहे थे क्योंकि उन्हे ऐसा लगता था की नया लैपटॉप आने के बाद वेदांत का अपनी पढ़ाई से ध्यान भटकेगा, मगर जब वेदांत के स्कूल वालो ने उन्हें उनकी नौकरी के संबंध में सूचित किया तो उनके माता-पिता की सोच बदल गई। वेदांत के माता–पिता सहायक प्रोफेसर हैं और अब उन्होंने अपने बेटे को नया लैपटॉप दिलाने की बात कही है।

Arpit Kumar Jain

Arpit Kumar Jain is a Journalist Having Experience of more than 5+ Years | Covering Positive News & Stories | Positive Action & Positive Words Changes the Feelings
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